Monday, June 6, 2011

आपकी फोटू बहुत ही खूबसूरत है... इसे कभी फोटूशॉप से नहीं निकालएगा ऑरजिनल हो जाएंगे....

पुराने जमाने की सुपरहिट फिल्म ताजमहल में शाहजहां-ए-आजम अपने नूर-ए-दिल से रोमांटिक अंदाज में फ्लर्ट मारते हुए सेंटी-इमोशन का रिमिक्स तडक़ा मारते हैं-

"जो बात तुझमें है तेरी तस्वीर में नहीं"...

अरे.. जहांपनाह...वो बात कैसे होती..आपके जमाने में फोटोशॉप था क्या? हर दिन कम से कम पांच वर्सन अपडेट करने वाले एडोब फोटोशाप का सोलह श्रृंगार का एफेक्ट देखा था क्या? पता नहीं कि इसने किस अंदाज-ए-अविश्वनीय तरीके से हम जैसों रंगहीन,गंधहीन,स्वादहीन चेहरों की तो किस्मत ही बदल डाली.

एक दिन में हम जितनी बार टट्टी नहीं जाते उससे मर्तबा तो इसका लेटेस्ट वर्सन आता है.नये-नये फीचर्स के साथ. और हर बार खूबरसूरती में दो इलिमेंट जुड़ जाते हैं..बला से बलेस्ट की खूबसूरती...

जहांपनाह. पहले फोटूशॉप होता न तो फिर देखते...किसमें वो बात है..उसमें कि उसकी तस्वीर में.

मेरी बात से कोई इत्तिफाक रख रहा तो वे फेसबुक पर जाकर किसी का प्रोफाइल पिक्चर देख लें. अरे.किसी का क्या..मेरा ही देख लें ना..फोटोशॉप में फोटू डालकर सिपिया कलर में जब वो बदलता है तो "डॉली बिंदा की खूबसूरती की कसम" तब मेरी फोटू के सामने "टिंकू जिया" भी फेल हो जाता है.....खट से लाइक हो जाता है.अवेसम..ब्यूटीफुल..लुकिंग गुड..जिसको अपने ज्ञान की औकात से जितने एडजेक्टिव आते हैं लगाकर कमेंट मार देते.

बदल गये फोटू के मतलब टाइम-हालात और फेसबुक के प्रोफाइल पिक्चर के साथ.

नयी फिलॉसफी है-

"जो बात मेरी तस्वीर में है वो मुझमें कहां-"

(हालांकि भारतीय दंड संहिता 9-2-11 के तहत यह बात किसी के मुंह पर बोलना दंडनीय अपराध है की वोह असल में उतना खुबसूरत नहीं जितना की फोटो और ऐसा करने पर उसके किसी भी स्टेटस को 100 पोस्ट तक लाइक नहीं किया जाएगा.)

वक्त लुक एंड फील के "फोटोशॉप ट्रांसफोरमेशन" का है.

फेसबुक पर पल-पल बदलता प्रोफाइल फोटू भी ठीक उसी ट्रेंड का "फेसबुकीकरण" है. यह ठीक वैसे ही बदलता जैसा अस्सी के दशक में जितेंद्र और माधवी 4 मिनट के एक गाने तथैया..तथैया..हो..हा.हो..हा..में कम से कम 50 ड्रेस.

शाहरूख खान ने सिक्स पैक एब बनाने से पहले तक फोटूशॉप की महिमा को नहीं जाना था. नहीं तो परदेस में वह महिमा..की वह महिमा नहीं करते...

"जरा तस्वीर से तू निकल के सामने आ मेरी मेहबूबा.."

हा..हा..हा..ही.ही..फिर फोटूशॉप से महिमा निकल फिलम इंडस्ट्री से ऐसा निकली कि अब उसे दिल्ली दूरदर्शन दरियागंज का गुमशुदा तलाश केंद्र भी नहीं तलाश कर पाएगा लेंडर पेस बी नहीं .

मतलब समझो. घिसे-पिटे आउटडेटेड डायलॉग को आउट करो.

सत्यम शिवम सुंदरम नहीं..

फोटशॉप ही सत्य है,सुंदरम है, शिव है बोलें..

जमाना बदल गया है.खूबसूरती की तारीफ के पारामीटर बदल गये हैं..अब पाकीजा से कहा जाता है-

"जॉनी..आपकी फोटू बहुत ही खूबसूरत है..इसे फोटूशॉप से कभी नहीं निकालएगा...

वे ऑरजिनल हो जाएंगे.."

वहीं सागर किनारे डिंपल से रुमानी सवाल की जाती..

"चेहरा है या फोटूशॉप खिला है...."

Kuch non-sense jaisa

latest fashion statement

Baba Ramdev looks like Kangana Ranawat.. never knew the secret...thanks to lathi..for revealing new beauty around us..!!





Senti-Mental

Some relationships are like Tom &Jerry. They tease. They fight and they irritate each other..but we all know never would be the same apart!!!!

Next Release

चल चमेली फेसबुक में तुझे फार्मविला घुमाऊंगा....

7 comments:

  1. The presentation of entire blog is good and fresh

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  2. baba raam dev ki kangna ranaut jaise khoobsurati ka raaj hai YOGA

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  3. vaise sir lagta hai aapne apni kisi foto me fotoshop par kaam nahi karaya isiliye aapne apni nahi Bauaa ka foto lagaya hai

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  4. ):...jo baat teri tasveer me hai wo tujhme nahi.....

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  5. आपका यह पोस्‍ट देखा, अच्‍छी लिखावट है। यहां कभी कलम से मत लिखिएगा, आपकी हेंडराइटिंग खराब हो जाएगी।

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  6. amazing .....damn hilarious :D :D babu bhai mast hai mast mast hai !!!!

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