Monday, May 30, 2011

BHAG-DK-BOSE-KI KASAM...I WILL WRITE TOO...


आम जनता की उद्दंड, प्रचंड और घनघोर मांग को देखते हुए अंतत: मैंने भी ब्लॉग की दुनिया में औकात के हिसाब से 140 गज जमीन खरीदने का डिसीजन ले लिया है. ब्रांडिंग (सेल्फ वर्ड को साइलेंट कर दिया गया है) के लिए आयडियल मंच है ब्लॉगिंग. कबीर आज होते तो लिखते-कबीरा खड़ा गुगलवा में...खैर एक डायरेक्ट सा असेंसर्ड एनाउंसमेंट.

सबों को भाग-डी- के-बोस की कसम अगर इस मुल्क में कमाल राशिद खान को फिल्में बनाने का, शरद पवार को एंटी करप्शन कमिटी को हेड करने का, सोनम कपूर को कांस फिल्म फेस्टिवल में रेड कार्पेट पर "ओह-आह-आउच " मार्का कैट वॉक करने का, अमर सिंह को बिपाशा बसु से "बिटविन दि लेग्स" उप्स बिटविन दि लाइन्स बात करने का, मल्लिका शेरावत को ओबामा के साथ लंच करने का हक है तो मुझे भी पूरा-पूरा हक है जो मन में आए उसे लिख देने का.

कोई ताकत मुझे भी यहां भों-भों करने से रोक नहीं सकती. लेकिन दोस्तों आपसे एक सेंटी-गुजारिश जब भी आपको कहीं भों-भों करता हुआ कोई दिख जाऐ या सुन जाए तो उनमें मेरा अक्सदेख कर पल भर याद कर लीजिएगा. और 140 वर्ड की छोटी सी दुनिया में दो मिनट का वक्त निकाल लेंगे. भले पोस्ट पढ़े ना पढ़े-गारंटी देता हूं कि पढऩे लायक नहीं के बराबर होगा ताकि आपका समय बर्बाद न हो, विजिट जरूर कर लें ताकि टीआरपी बढ़ती रहे (फिर समझते ही हैं कि टीआरपी वाले को दुनिया कब अंत होगी यह भी बताने-डराने का हक मिल जाता है).

अंत में एक स्पेशल ऑफर-मेरे ब्लॉग पर कमेंट करने वाले पहले 50 दोस्तों को मेरी ओर से फ्री में थैंक्स मिलेगा. हां, बिल्कुल फ्री में. बिना मार्का वाला.

और अगर आपमें किसी को यह ऑफर छोटा और बेकार सा लग रहा हो तो बांये दिल पर हाथ रखकर याद करें कि आखिर में कब आपसे किसी ने बिना किसी हित के कोई अच्छी बात और दो वर्ड मीठे बोले होंगे...और जिन्हें वास्तव में याद आ जाएं कि किसी ने कहा है तो उन खुशकिस्मत दोस्त को साधुवाद...आपने जिंदगी जी ली..आप लाइफ इज ब्यूटीफुल कहने के हकदार हैं.

kuch non-sense jaisa..

AIDS( Appraisal and deficeiency syndrome) suffering

सारे दोस्तों के लिए एक टिप्स-

संयम नहीं रखें..मल्टीपार्टनर (बहुनौकरी )में भरोसा रखें. रोग के लक्षण कभी नजर नहीं आएंगे.

Senti-Mental

बड़े शहरों में अक्सर ख्वाब छोटे टूट जाते हैं,

बड़े ख्वाबों की खातिर छोटे शहर छूट जाते हैं