Sunday, December 24, 2017

क्या करप्शन जनता के बीच कोई मुद्दा भी है क्या?

इस हफ्ते टूजी और चारा घोटाले में आए फैसले और तमिलनाडू में आज आरके नगर सीट में में शशिकला कैंप की बड़ी जीत के बाद एक बार फिर सालों पुरानी बहस सामने आयी कि क्या भारतीय राजनीति में करप्शन कोई मुद्दा है? क्या जनता इन मुद्दों पर वोट देती है? क्या करप्शन की चपेट में आने वाले नेताओं का करियर इससे प्रभावित हाेता है? 
मेरा मानना है कि राजनीति में करप्शन- केस-सजा आदि का कोई खास असर नहीं पड़ता है। अगर पड़ता है तो यह उसके पक्ष में ही जाता है जिसपर करप्शन के आराेप लगते हैं या सजा मिलती। सब निर्भर करता है कि जब वह जेल जा रहा होता है तो मौजूदा स्थिति कैसी है। अगर ढलान पर कोई नेता है तो फिर उसका निगेटिव असर होता है। लेकिन फिर तब अगर सजा नहीं मिले तब भी वह हाशिये पर जा रहा होता है।
 सियायत में सिर्फ करप्शन से घिर कर किसी की सियासत का पैक अप होने की मिसाल लगभग नहीं के बराबर ही है। जबकि इन केस के बीच किसी के फिर से उभरने की मिसाल कई हैं। आज की ही मिसाल देंखें। तमिलनाडू में आर के नगर में शशिकला कैंप ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। हर तरीके से घेरने की कोशिश की गयी। ईडी रेड हुआ। अरबों के ब्लैक मनी मिलने की बात कही गयी लेकिन अंत में वह जतनाके बीच विजेता के रूप में निकले।  खुद लालू प्रसाद ने अपनी दूसरी इनिंग जेल जाने से लेकर कनविक्ट होने के बाद शुरू की और और वह भी मजबूत तरीके से।

कर्नाटक में बीजेपी ने करप्शन के केस के बाद सीएम पोस्ट से येदुरप्पा को हटा दिया तो पार्टी ही रसातल में आ गयी और जब फिर उन्हें पार्टी की कमान सौंपी ताे बीजेपी कर्नाटक में सरकार बनाने के करीब है। वह पार्टी के प्रदेश में चेहरे में। हिमाचल में वीरभद्र सिंह करप्शन के केस के बीच जीते। पंजाब में बादल परिवार करप्शन के केस के बीच जीतते रहे तो उन्हें इस बार अमरिंदर सिंह ने हराया जिनपर स्विस बैंक में पैसा रखने का अारोप था। जयललिता कनविक्ट होकर भी जीतती रही। शरद पवार से लेकर स्टालिन हो या कई दूसरे नेता,करप्शन के केस से उनपर कोई असर हुआ तो वह मजबूत ही विश्व में भी तमाम देशों में करप्शन से सीधे किसी नेता के पतन या हारने की मिसाल कम ही है।
तो फिर इसपर इतना हल्ला-बवाल क्याें होता है? जब जनता करप्शन के मुद्दे को वोट देने के लिए नहीं चुनती है तो फिर जनता के बीच क्यों यह सबसे बड़ा मुद्दा बनता है?
असल में क्रिकेट की भाषा में करप्शन का मुद्दा सियायत में एक फुलटॉस की तरह होता है। अगर बैट्समैन आउट ऑफ टच हो तो वह इस गेंद को मारने में आउट हो जाता है। और अगर बैट्समैन फार्म में है तो इसपर सिक्स भी मार सकता है। इसी करप्शन ने यूपीए को बोल्ड कर दिया क्योेंकि जनता के बीच वह पहले से डिसक्रेडिट हो गये थे।
बॉटम लाइन यह है कि अगर पब्लिक के बीच नेता की पकड़ है तो उसे इन केसों का कोई फर्क नहीं पड़ता है। संभव है सहानुभूति में और मजबूत कर दे। लेकिन अगर वही जनता नाराज है तो फिर ऐसे केस कैटलिस्ट का काम करती है तो बड़ा पतन का कारण बन जाती है।

तस्वीर-भारत के एकमात्र एंटी करप्शन मूवमेंट का जिसके बाद कई टूकड़े हुए, कोई यहां गिरा,कोई वहां गिरा

साभार-गुगल इमेज

Wednesday, July 13, 2011

BIG BOSS..चाहते हैं कि


Breaking News

वाह-वाह प्रोडक्शन को बिग बॉस का एक एक्सक्लुसिव लेटर हाथ लगा है. जिसमें इस साल होने वाले सीजन 5 के सभी 11 कटेसटेंट के नाम और उन्हें शमिल करने का रीजन दिया गया है. आपके सबसे अ-लोकप्रिय ब्लॉग पर यह लिस्ट सबसे पहले ब्रेक की जा रही है.

____________________________________________________________________________

बिग बॉस चाहते हैं कि टीआरपी के नाम पर इस साल सीजन 5 में नीचे बताए गए 11 लोग उनके घर में कैद हों. यह सभी अपनी-अपनी फील्ड के जाने-माने लोग हैं. पूरी दुनिया को खुद से मिलने-जुलने-देखने-समझने का मौका दें. क्योंकि इनमें हर कोई अपने-अपने काम का सबसे माहिर-शातिर खिलाड़ी है. हम उनसे इंसपिरेशन लेंगे. यह रहे इनके नाम और उनके चुने जाने का कारण...

पूनम पांडेय-क्योंकि पिछले 28 साल से एक वल्र्ड कप को तरस रही टीम इंडिया ने पूनम पांडेय के लिए ·कप जीत ही लिया. क्योंकि पूरा मुल्‍क चाहता है कि वह बिग बॉस के घर देश को किए अपने वादे को पूरा करें.

मारिया सुसैराज-क्योंकि एक एपिसोड के 300 टु·ड़े कैसे किये जा सकते हैं इसे मारिया बता स·ती हैं. क्योंकि यह देखना रोचक · होगा जब वह बिग बॉस में चाकू हाथ में लेंगी तो बाकि लोगों का चेहरा कैसा होगा.

चेतन भगत- क्योंकि वह लोगों को बता सकेंगे कि किस तरह देल्ही बेली की सारी गालियां उनकी डिक्सनरी से चुराई गईं और आमिर खान ने उसका क्रे‍डिट उन्हें नहीं दिया. क्योंकि वह अपनी बायोग्राफी "बदनाम होंगे तो क्या नाम नहीं होगा "को इसमें खूब प्रमोट कर सकेंगे .

सुरेश कलमाड़ी -क्योंकि पूरा देश जानना चाहता है कि कॉमन लोगों के पैसे से वेल्थ कैसे बनाया जाता है. यह देखना रोचक होगा कि बिग बॉस को दिए गए टास्‍क को वह कैसे मैनेज करते हैं.

रामगोपाल वर्मा-क्योंकि बिग बॉस जा·र अपनी अगली फिल्म बिग बॉस पर ही बनाने की प्रेरणा ले सकेंगे . क्योंकि रामू के वर्डस में ही-बिग बॉस सबसे बड़ा चूतिया होगा जो उन्हें नहीं लेगा वह सबसे बड़े... होंगे जो वहां मौका मिलने पर नहीं जाएंगे.

बाबा रामदेव-क्योंकि आराम-योग करने और उपदेश देने के लिए बिग बॉस से बेहतर जगह नहीं होगी. क्योंकि यहां वह पूरे 90 दिनों त· हर एपिसोड में करप्शन के खिलाफ फास्ट कर सकते हैं और यहां उन्हें सलवार पहन·र भागने की नौबत भी नहीं आएगी.

रविन्द्र जडेजा-क्योंकि वह पूरे देश को बता सकेंगे कि आखिर में उनमें कौन सा ऐसा गुप्त टैलेंट था जिससे वह टीम इंडिया में इतने दिन बने रहे. क्योंकि देश को भी यह बताने का मौका मिलेगा कि सिंगल हैंडेडली मैच हराने का वल्र्ड रिकार्ड उनके पास है.

कुमार शानू-क्योंकिवह लोगों को बता सकेंगे कि वह बाबुल सुप्रियो की नकल नहीं करते बल्कि उनसे पहले उन्होंने गाना शुरू किया. क्योंकि वह बताएंगे ·कि हिमेश रेशमिया और उनकी नाक में क्या फर्क है.

रेबेका ब्लैक·-क्यों·कि पामेला एंडरसन के बाद बिग बॉस में आने लाय· परफेक्ट इंटरनेशनल सेलेब्रिटी है. क्योंकि वह बताएंगी कि उसने कैसे पता लगा लिया कि फ्राइडे के बाद सैटरडे और फिर उसके बाद संडे आता है और पूरा वल्र्ड यूरेकाा-यूरेका क·रने लगा.

उदय चोपड़ा-क्योंकि बिग बास के जरिए से उनके करोड़ों फैन उनसे एक्ंिटग की दुनिया में लौटने की गुजारिश रख सकेंगे ताकि ऑस्‍कर में बेस्ट एक्टिंग के लिए हमारी एकमात्र होप जिंदा रहे.

दिग्विजय सिंह-क्योंकि वह ओसामा जी से मिले कुछ ज्ञान को पूरे देश के लोगों के साथ शेयर कर सकेंगे क्योंकि हर सॉल्युशन को प्रॉब्लम कैसे बनाया जाता है इसकी टिप्स भी वह हम सभी को बता सकेंगे.

अगर आपको लगता है कि इनके अलावा कुछ और नाम बिग बॉस में शामिल हो सकते हैं तो वाह-वाह प्रोडक्शन के ब्लॉग के नीचे ·मेंट मार दें. बिग बॉस आपकी डिमांड पर गौर फरमाएंगे.

Photo courtesy

My very talented friend Amarjeet Tilak

Tuesday, July 5, 2011

Mother India to Mother Aishwarya....

Disclaimer

यह नान सेंस लेख किसी की धार्मिक भावनाओं को छूने-भडक़ाने-उकसाने के लिए नहीं है. यह हास्य-विनोद-मनोरंजन-बेसिर पैर बातों से सच्ची घटनाओं पर आधारित एक कहानी है जिसके सारे पात्र वास्तविक जीवन से लिए गए हैं.फिर भी कोई मेरा पुतला फूंकना चाहता है, मेरे सर को कलम के लिए फतवा जारी करना चाहता है तो टीवी कैमरे और मीडिया के सामने इसका ऐलान करे. मेरी बिग बॉस 5 में इंट्री पक्की हो जाएगी


जब से भारत माता के देश के लोगों ने ऐश्वर्या के माता बनने की खबर सुनी है तब से क्या कहें..खुशी तो इनफ्लेशन की दर से भी अधिक जोर-जोर से अप हो रही है. एकदम अप बीट मूड है. शहंशाह अमिताभ बच्चन दादा और ऐश्वर्या माता बन रही हैं (चूंकि अभिषेक बच्चन के बारे में मैंने कहीं नहीं पढ़ा-सुना-देखा तो उनका जिक्र नहीं करूंगा कि वह क्या बन रहे हैं.)
इस नए कान्हा का इंतजार ठीक उसी तरह से किया जा रहा है जैसा हमारे धर्म पुराणों में कभी मथुरा के लोगों ने विपत्ति के समयकान्हा का किया था. नक्सल, बार्डर प्रॉब्लम, इंटरनल सिक्युरिटी, करप्शन हर प्रॉब्लम को मिटा देगा अपना कान्हा-इन-मेकिंग. बस एक बार ऐश्वर्या माता के पेट से वह बाहर निकल आए. कई घरों के दीये तब तक जलते रहेंगे जब तक ऐश्वर्या बच्चन मदर ऐश्वार्या नहीं बन जाएंगी.
हर दु:ख को हरने के लिए अपना कान्हा आने को है...वो सुबह आने को है...
अब बात दोस्तों दूसरी प्रॉब्लम और उसके सॉल्यूशन की. अपने मुल्क में लक्ष्मी तो रहती हैं लेकिन उनकी एड्रेस बुक में बहुत कम लोगों कानाम दर्ज है.  उन्हें कम घरों का पता मालूम है. कभी वो कलमाड़ी की अलमारी में रहती हैं.जहां वे इतने नोट भर देती हैं कि सारा कॉमन वेल्थ एक जगह इक_ा हो जाता है. तो वीमेन इमपॉवरमेंट का झंडा बुलंद करते हुए ह्वाई शुड ब्वायज हैव ऑल दि फन की तर्ज में कनिमोई की स्कूटी में भी 70000 करोड़ का खजाना भर देती हैं.
लेकिन लक्ष्मी माता की एड्रेस बुक में  मेरे गांव के शिवशंकर बाबू का पता नहीं है जो हर दिन 20 रुपये कमाकर गवर्नमेंट की फाइल में कामगार इंसान और अपने चार लोगों की फेमिली का बे्रड-बटर मैनेज करते हैं.
लेकिन खुशखबरी यहां भी है. माननीय  श्रीमान दिग्विजय सिंह जी के नेतृत्व में राहुल बाबा के लिए एक अदद लक्ष्मी की तलाश रोम, वेनिस से लेकर विदर्भ तक हो रही है. जिस दिन राहुल बाबा के लिए इस लक्ष्मी का पदार्पण हुआ अपने मुल्क की अंतिम समस्या-हर घर के लिए लक्ष्मी-धन-समृद्धि का निदान हो जाएगा.
और फिर कलयुग के इस युग का अंत होगा और सतयुग के नए अध्याय की शुरुआत होगी...
तब तक हम-आप सब मिलकर अंतजार करें कान्हा और लक्ष्मी का...और दुआ करें..
.अथ श्री मदर इंडिया टू मदर ऐश्वर्या कथा.



Sunday, June 12, 2011

सबका नाम गुम हो जाएगा और शीला,मुन्नी,पप्पू और डीके बोस का नाम रह जाएगा...


स्पेशल रिमार्क.

वाह-वाह प्रोडक्शन की अगली रिलीज "चल चमेली फेसबुक में तुझे फार्मविला घुमाऊंगा" 140 वर्ड्स मल्टीप्लेक्स में विशेष कारणों से टाल दी गयी है. कारण यह कि इस पोस्ट को पढऩे के लिए फिलहाल टीआरपी नहीं मिलेगी. ठीक वही हाल होगा जैसा सलमान खान की फिल्म दबंग के साथ रिलीज हुई कमाल राशिद खान की फिल्म देशद्रोही का हुआ था.

वक्त बाबा का है. फास्टिंग अनटू डेथ का है. वक्त अपनी मांग मंगवाने का है. वक्त बहती गंगा में हाथ धोने का है.

तो मैं भी इस पोस्ट के साथ हाथ धोने जैसा पुण्य काम करने को तैयार हूं...जय हो।़ इसे वेल बिहेव्ड लैंग्वेज में "गुड टाइमिंग" कहने से अच्छा लगने लगता है. ठीक उसी तरह जैसे दलाल को इंग्लिश में लाइजनर कहने से उसकी स्टेट्स लाइक होने लगती है.

सबका नाम गुम हो जाएगा और

शीला,मुन्नी,पप्पू और डीके बोस का नाम रह जाएगा...

बैक टू पोस्ट नाऊ...

ए फॉर अन्ना और बी फॉर बाबा के फास्टिंग की अपार सफलता के बाद और सी फॉर चाचा चौधरी के जंतर मंतर पर साबू को इंडियन सिटीजनशिप दिलवाने की मांग को लेकर फास्टिंग करने की खबर आने के बाद पूरा मुल्क फास्टोमेनिया मोड में आ गया है.

वाइफ अपने हसबैंड को एक दिन फास्ट कर ऑफिस जाने को कह रही है, टीवी वाले फास्ट को एकदम फास्ट-फास्ट ब्रेकिंग कवर कर रहे हैं. मेरे गांव में सुतिया देवी के घर में खाना-पकाने को कुछ नहीं था तो फास्ट..और मुझे अपने ब्लॉग पर आपसे लाइक और कमेंट लेना था तो फॉस्ट..हर जगह फास्ट ही फास्ट. वेरी फास्ट.

देश के हालात-ए-फास्ट की मौजूदा सिचुएशन में ंएक और ब्रेकिंग न्यूज आयी पूरे डिटेल्स के साथ. चार मानूष एक साथ जंतर मंतर पर सांस चलने की अंतिम बीट तक फास्टिंग करेंगे सुबह 10.30 से लेकर शाम 4.30 तक.

वे कौन हैं इसका खुलासा बाद में होगा. न्यूज चैनल ने इनोवेशन किया बीच में. नाम गेस करो गेस करोऔर फॅाइव स्टॉर होटल में डिनर का एक फ्री कूपन पाओ. यम-यम..चप--चप..फ्री में खाना मिलने के नाम पर एसएमएस दे दनादन आने लगे. राहुल गांधी से लेकर जॉनी लीवर, लालू यादव तक गेसवर्क जारी रहा.

अगले दिन सुबह तमाम ओबी वैन, कैमरे जंतर मंतर लाइव करने को रेडी. कौन हें वो चार? लगेगा चौका।़ हर चैनल अपनीे टीजी के मुताबिक पैकेजिंग करने में बिजी तो एडिटर अपनी मार्निंग मीटिंग में अगले दिन का धांसू-स्टैंड हिटिंग हेडिंग और न्यूज प्लानिंग में. टीवी न्यूज की धुन सुनकर शशि थरूर की कैटल क्लास जंतर मंतर की ओर ऐसे ही बढऩे लगी जैसे मेरे गांव में तन डोले रे मेरा मन डोले रे..की धुन पर बना विष वाला सांप इधर-उधर फूं-फूं कर डराता था.

खैर पब्लिक पहुंची. पीछे से वो चार भी वहां पहुंचे. वहां कैमरे उसी तरह चलने लगे जैसा कि एकता कूपर की सीरियल के हर एपिसोड के अंत में होता है. जूम इन जूम आउट.इन इन.आटट आउट.

तभी नाम का खुलासा हुआ.

झुमरीतलैया की शीला, रामगढ़ की मुन्नी, टिंबक टू से डीके बोस और होनोलुलू से पप्पू ग्रेट इंडियन आडिएंंस से मुखातिब थे.दिल थाम के देश था

अब खुलासा होना था उनकी मांगों का-

सबों ने आपे पॉकेट से आई फोन निकाला और उसमें लिखे स्टेटमेंट को एक साथ पढ़ डाला.

"वह कौन सी मनहूस घड़ी थी जब हमारा यह नाम रखा गया. शीला की जवानी नेशनल सबजेक्ट बन जाती है. पप्पु राष्ट्रीय मनहूसियत का प्रतीक बन जाता है. अपने बेहतर वर के लिए सोमवारी करने वाली मुन्नी बदनाम हो जाती है और डीके बोस को बुलाने पर कुछ और चीज कान में सुनाई देने लगती है. मुझे नहीं चाहिए ऐसा नाम. जब तक हमारा नाम बदला नहीं जाएगा तब तक फास्ट अनटू डेथ जारी रहेगा. आप लोग हमारे सपोर्ट में फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर हैशटैग कर खूब ट्विट करें ताकि यह नेशनल ट्रेंड बन जाए. आप वैसा करें बाकी हम करते हैं अपना काम मतलब भूखा रहने का काम."

मार्मिक अपील. इमोशनल. उतरन से भी अधिक इमोशन.फेसबुक से लेकर ट्विटर तक छा गई. टीआरपी टॉप पर.मुन्नी रोने लगी..डीकेबोस साब चुप हो गए. सेंटल गर्वमेंट के कान खड़े. खटाक से पीएम डॉ. यमयम सिंह ने अपने काबिल मिनस्टर पिल सिर किब्ब्ल ल को बातचील के लिए भेजा. साफ डायरेक्शन-हवाई में होली डे वैकेशन पर गयी मदाम सुनो-ना-जिया को कोई पंगा नहीं मांगता. मदाम हित में इसे रोका जाए.

निगोसिएशन शुरू, तब तक बॉलीवुड से सरका-लो-खान और गरीब खान ने अपना सपोर्ट दे दिया. वैल्यु बढ़ी तो फिर मांग बढ़ी. चारों ने अपने लिए कंपनसेशन मांगा. मांग को फेसबुक पर लाइक किया गया. ट््िवटर पर आरटी हुआ.

अब चार मिनिस्टर की एक कमिटी जंतर मंतर के पीछे बने एसी गेस्ट हाउस में बातचीत शुरू हुई. पांच घंटे बात चली. तब तक देश की सांसे फूली रहीं. कोई सॉल्युशन न मिलने पर गवर्नमेंट का बैंड-बाजा-बारात निकालने पर आमदा थे। अपोजिशन लीडर सुष-उपमा स्वर-राज ने एलान कर दिया-तब तक वह डांस करती रहेगी जब तक चारों की मांगे नहीं मानी जाएगी. इधर चैनल पर धूप के कारण मुन्नी के लिप्स्टिक के पिघलने और शीला की जवानी के ढलने की खबर ब्रेक करने लगे. फास्ट से पहले का फिगर और उसके बाद का कैसा यह नेशनल क्यूरिसिटी बन गयी.

मेरे दादा को गांधी याद आने लगे. चाचाजी को जेपी.किसी को एजिप्ट. किसी को चौरी-चौरा आंदोलन. जिसको जिस आंदोलन के बारे में पता था उसने इस आंदोलन की तुलना उससे कर दी.

खैर निगोसिएशन समाप्त हुआ. सभी बाहर निकले. फिर कहा गया-सहमति बन गई है जिसके बाद फास्ंिग के द इंड की घोषणा की जा रही है.

स्टेटमेंट यह था.

"गवर्नमेंट ने चारों की मांग सुनने-पढऩे के बाद पाया है कि इनके साथ अन्याय हुआ है.गवर्नमेंट ने अपने प्रभाव का यूज करते हुए चारों को बिग बॉस सीजन 5 में जाने का इंतजाम कर लिया. (ऐसा न करने पर चैनल को वल्गर कंटेट दिखाने पर लाइसेंस कैंसिल करने की धमकी दी गई.) इन चारों को प्रति एपिसोड 10 लाख रुपए मिलेंगे. उन्हें अधिक से अधिक एसमएसम मिले इसके लिए टेलीकॉम कंपनी को स्पेशल अरेंजमेंट करने को कहा गया. साथ ही सारे गवर्नमेंट के अगले नेशनल इंटिग्रिटी थीम सांग-मिले सुर मेरा तुम्हारा में भी दिखेंगे."

चारों खुश, अनशन समाप्त

जतर मंतर खाली होने लगा और सजने लगा अगले अनशन के लिए. और नीचे वागले साहब सुनील बाबू से पूछ रहे थे-किस मनहूस घड़ी में हमारा नाम शीला, मुन्न्नी, डीके बोस या पप्पू नहीं रखा गया.?